HMPV Positive 2025 : फिर से लग सकता है लॉकडाउन

नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस आर्टिकल में, यदि आपके घर भी 14 साल से छोटे बच्चे हैं तो यहां न्यूज़ आपके लिए है। जैसा कि आपको पता है कि 2021-22 में कोरोनावायरस के कितने सारे केस मिले थे। और कितने बेजुबानों की मौत हुई थी। तो यहां जाना आपके लिए अति आवश्यक है कि कोरोना जैसी ही एक घटक बीमारी सामने आ रही है।

नमस्ते दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस आर्टिकल में, यदि आपके घर भी 14 साल से छोटे बच्चे हैं तो यहां न्यूज़ आपके लिए है। जैसा कि आपको पता है कि 2021-22 में कोरोनावायरस के कितने सारे केस मिले थे। और कितने बेजुबानों की मौत हुई थी। तो यहां जाना आपके लिए अति आवश्यक है कि कोरोना जैसी ही एक घटक बीमारी सामने आ रही है।

जिसका नाम है एचएमपीवी वायरस। कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के गुरुवार को 2 केस मिले हैं। पहला मामला उत्तर प्रदेश का है। लखनऊ में 60 साल की महिला पॉजिटिव पाई गई है। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील चौधरी ने दैनिक भास्कर से इसकी पुष्टि की।

और साथ ही आपको बता दे की वहीं, गुजरात के हिम्मतनगर में 7 साल के एक बच्चे की HMPV रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। हालांकि, यह रिपोर्ट प्राइवेट अस्पतला की लैब की है। सरकारी रिपोर्ट शाम तक आएगी। देश में वायरस से जुड़े कुल 11 मामले हो गए हैं। महाराष्ट्र में 3, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और यूपी में एक-एक केस सामने आए हैं। HMPV केस सामने आने के बाद राज्यों ने भी सतर्कता बढ़ा दी है।

पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। इधर गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग को HMPV केसेस पर निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं। छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित HMPV संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है।

इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। केंद्र ने राज्यों को ‘इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस’ और ‘सीवर एक्यूट रेस्परेट्री इश्यूज’ जैसी सांस की बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और HMPV के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी है।

वैसे तो आपको बता दे की डॉक्टर और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बीमारी कोई नई नहीं है। आपको बता देगी उनका कहना है कि 2001 में भी इसके केस सामने आए थे। बताया जा रहा है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। 2001 में इसकी पहली बार पहचान हुई थी। इसके बाद ये दुनिया में फैला। ये सांस लेने से फैलता है, हवा के माध्यम से फैलता है। ये सभी ऐज ग्रुप के लोगों पर असर करता है। WHO हालात पर नजर बनाए हुए है और हमसे जल्द ही रिपोर्ट शेयर की जाएगी।

केंद्र सरकार ने कहा था- सर्दी में HMPV का इन्फेक्शन आम चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच इमरजेंसी जैसे हालात बनने की बात कही गई थी। हालांकि भारत सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक की थी। इसके बाद सरकार ने कहा था कि सर्दी के मौसम में फ्लू जैसी स्थिति असामान्य नहीं है। चीन के मामलों पर भी नजर रखे हुए हैं और सरकार इनसे निपटने के लिए तैयार हैं।

देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह RSV और HMPV हैं। इस मौसम में ये इन्फ्लूएंजा के सामान्य वायरस हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। साथ ही WHO से चीन की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देने को कहा है।

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